Search This Blog

Wednesday, March 4, 2009

सदगति के लिए

जिस किसी के घर में किसी की मृत्यु हो, तो उसकी हड्डियां हरिद्वार भेजें चाहे न भेजें, लेकिन, आंवले के रस में उसकी हड्डियां धो लें, तो दुबारा उस मृतक आत्मा का जन्म नहीं होगा, उसकी सदगति होगी, ऐसा पुराणों में लिखा है
-25th Jan'09, Vrindavan

No comments: