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Thursday, November 4, 2010

मस्तिष्क के एवं मानसिक रोगों में


  • अखरोट की बनावट मानव-मस्तिष्क से होती है । अतः प्रातःकाल एक अखरोट व् मिश्री दूध में मिलाकर ' ॐ ऐं नमः' या ' ॐ श्री सरस्वत्ये नमः ' जपते हुए पीने से यादशक्ति पुष्ट होती है ।

  • मालकाँगनी का 2-2 बूँद तेल एक बताशे में डालकर सुबह-शाम खाने से मस्तिष्क के एवं मानसिक रोगों में लाभ होता है।

  • स्वस्थ अवस्था में भी तुलसी के आठ-दस पत्ते, एक काली मिर्च तथा गुलाब की कुछ पंखुड़ियों को बारीक पीसकर पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह पीने से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है। इसमें एक से तीन बादाम मिलाकर ठंडाई की तरह बना सकते हैं। इसके लिए पहले रात को बादाम भिगोकर सुबह छिलका उतारकर पीस लें। यह ठंडाई दिमाग को तरावट व स्फूर्ति प्रदान करती है।

  • रोज सुबह आँवले का मुरब्बा खाने से भी स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। अथवा च्यवनप्राश खाने से इसके साथ कई अन्य लाभ भी होते हैं।

  • गर्म दूध में एक से तीन पिसी हुई बादाम की गिरी और दो तीन केसर के रेशे डालकर पीने से स्मरणशक्ति तीव्र होती है।

  • सिर पर देसी गाय के घी की मालिश करने से भी स्मरणशक्ति बनी रहती है।

  • मूलबन्ध, उड्डीयान बंध, जालंधर बंध (कंठकूप पर दबाव डालकर ठोडी को छाती की तरफ करके बैठना) से भी बुद्धि विकसित होती है, मन स्थिर होता है।


लोक कल्याण सेतु, अप्रैल 2010

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