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Monday, May 24, 2010

धनिया के फायदे(गरमी हो तो )

  • आंवला, धनिया, मिश्री समभाग मिलाकर रखो। १-१ चम्मच सुबह-शाम चबाकर खाओ और ऊपर से १ गिलास पानी पी लो अथवा घोल बना कर पी लो । इससे स्वप्नदोष, मूत्रदाह, लू लगना, सिरदर्द, नकसीर व आँखे जलने पर आराम होता है । किसी को आँखें जलती है, दोड़े जलते हैं तो सौफ ५० ग्राम ,धनिया ५० ग्राम , आवलें का पाउडर ५० ग्राम,मिश्री का पाउडर ५० ग्राम २०० ग्राम हो गया , १०-१५ ग्राम पानी में भींगा के रख दिया ,१-२ घंटे बाद उसको मिक्सी में घुमा के छान के पी ले ,दोड़े जलना बंद , मुहं में छाले पड़ना ठीक ,रात को नींद नहीं आएगी तो अच्छा है ,आएगी नींद ,तबियत चंगी होगी |
  • धनिया (सूखा या हरा धनिया) व मिश्री पानी में घोलकर पीने से लू लगी हो या बेहोशी हो तो तुरंत लाभ होता है ।
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Dombilvali 17th May 2010

संतरे का रस

  • संतरे के रस में पुराना पानी/ या पानी डालकर पीयें तो पुराना कब्ज़ ठीक होता है ।
  • संतरे के रस में काला नमक व सौंठ मिलाकर दें, तो बदहजमी व अफारा ठीक होता है, भूख खुलकर लगती है ।
  • संतरे के छिलके पीसकर, उसका पाउडर बना कर रात को पेस्ट लगाएं और सुबह नारियल पानी या पानी में जीरा उबाल कर उस पानी से मुंह धोने से मुहांसे ठीक होते हैं, दाग मिटते है और रंग निखरता है ।
  • महिला व बच्चों को संतरे का रस बल व स्वास्थ्य देता है ।
  • कमज़ोर लोगों को दिन में २-३ बार दिया जाए तो शरीर पुष्ट होता है ।
हृदय, नेत्र रोग में संतरे बहुत फायदा करते हैं पेट की गड़बड़ी में भी ,खून की कमी में भी संतरे बहुत फायदा करते हैं,आंतरिक गर्मी हो,दुर्बला हो,पित्तजन्य बीमारी हो ,दोड़े जलते हो गैस की तकलीफ हो ,सुखा रोग हो,कुपोषण के कारण शरीर कमजोर हो ,बच्चे कमजोरी के शिकार हो,विटामिन अ- ब- स प्रचुर मात्रा में संतरे में मिलता हैं गर्भवती के लिए भी संतरा हितकारी हैं !

लेकिन खबरदार रहना ,संतरे के खट्टे रस से बचना ,और भोजन के तुरंत बाद संतरा नको , कफ जिसको ज्यादा हैं और जोड़ो का दर्द है वो संतरा डरकर खाए थोडा सा मीठा बस ....
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Dombilvali 16th May 2010

माइक्रोवेव ओवन के नुकसान

ओवन का गर्म भोजन / पानी नहीं लेना चाहिए । इससे बहुत नुकसान होते हैं ।

इससे बने भोजन के घटकों में विकृति पैदा होती रहती है तथा भोजन में कैंसर पैदा करने वाले कण पैदा हो जाते हैं। उस भोजन को खाये बिना भी मात्र उसके सम्पर्क में आने से भी शरीर पर कुप्रभाव पड़ता है। इन उपकरणों के 500 मीटर की परिधि में आने वाले जीव-जंतु तथा पेड़-पौधों की जीवनशक्ति का ह्रास होता है।

माइक्रोवेव ओवन से बने हुए भोजन का उपयोग करने वाले को होने वाली हानियाँ-

· यादशक्ति की कमी।

· एकाग्रता में कमी।

· भावनात्मक अस्थिरता।

· बुद्धि की हानि होने की सम्भावना रहती है।

· जलीय कणों में उछाल पैदा करके माइक्रोवेव शरीर के सिर से लेकर पैर के नाखूनों तक की सभी कोशिकाओं के जलीय वितरण में विकृति पैदा कर देती है, जिससे शरीर के सभी अंगों तथा तंत्रों में विकृति पैदा होती है।


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ऋषि प्रसाद, सितम्बर 2010





बच्चों के लिए तुलसी प्रयोग

जन्म से लेकर ७ साल तक बच्चे का मूलाधार केंद्र विकसित होता है । अगर ७ साल तक कोई तकलीफ ना हो तो जीवन भर बच्चा स्वस्थ रहेगा । बच्चे को जन्म से एक साल तक ३ पत्ते तुलसी के घोंट के पिला दें । एक साल का हो जाए तो ४ पत्ते......बच्चा बढ़िया रहेगा । अथवा अपनी दो उंगली में जितने तुलसी के बीज आते हैं, उससे आधे बीज भिगो दें और सुबह-सुबह बच्चे को पिला दें । बच्चा बड़ा स्वस्थ व पावरफुल रहेगा ।


Dombilvali 16th May 2010

पीलिया

पीलिया में एक कटोरी पानी और एक चुटकी चावल रख कर जो बापूजी मंत्र देते हैं, वो ५० माला जप करें, फिर वो चावल और पानी पी लें, पीलिया उसी दिन गायब हो जायेगा ।

गन्ने का रस

ग्रीष्म ऋतु में शरीर का जलीय स्निग्ध अंश कम हो जाता है। गन्ने का रस शीघ्रता से इसकी पूर्ति कर देता है। यह जीवनीशक्ति नेत्रों की आर्द्ररता को कायम रखता है। इसके नियमित सेवन से शरीर का दुबलापन, पेट की गर्मी, हृदय की जलन कमजोरी दूर होती है।


गन्ने को साफ करके चूसकर खाना चाहिए। सुबह नियमित रूप से गन्ना चूसने से पथरी में लाभ होता है। अधिक गर्मी के कारण उलटी होने पर गन्ने के रस में शहद मिलाकर पीने से शीघ्र राहत मिलती है। एक कप गन्ने के रस में आधा कप अनार का रस मिलाकर पीने से खूनी दस्त मिट जाते हैं। थोड़ा सा नीँबू अदरक मिलाकर बनाया गया गन्ने का रस पेट हृदय के लिए हितकारी है।


सावधानीः मधुमेह (डायबिटीज), कफ कृमि के रोगियों को गन्ने का सेवन नहीं करना चाहिए।


विशेष ध्यान देने योग्यः आजकल अधिकतर लोग मशीन, जूसर आदि से निकाला हुआ रस पीते हैं। 'सुश्रुत संहिता' के अनुसार यंत्र से निकाला हुआ रस पचने में भारी, दाहकारी कब्जकारक होने के साथ संक्रामक कीटाणुओं से युक्त भी हो सकता है। अतः फल चूसकर या चबाकर खाना स्वास्थ्यप्रद है।

ऋषि प्रसाद, मई 2010


Sugarcane juice

Moisture and oil content of the body reduce during summer season. Sugarcane juice can fulfill these requirements immediately. It rejuvenates life energy and moisture in the eyes. Regular consumption of sugar cane juice provides relief from weakness of the body, heat of the stomach, weakness and heat in the heart.

· Sugarcane should be washed first thoroughly and it should be consumed by sucking it.Regular consumption of the sugarcane in the morning gives relief from kidney stones.

· Sugarcane juice mixed with honey gives instant relief from vomiting due to excessive heat in summer.

· A cup of Sugarcane juice mixed with half cup of pomegranate juice gives relief from bloody diarrhea.

· Sugarcane juice mixed with small amount of lemon and ginger is beneficial for heart and stomach.

Caution: Persons suffering from diabetes, cough related disease and worms in the stomach should not consume sugarcane juice.

Important note: Many people are consuming juice extracted from juicer, machines, etc. It is mentioned in the Sushrit Sanhita that juice extracted from machine are heavy to digest, inflammatory, induce constipation and is filled with infectious germs. Therefore, fruits should be consumed through chewing or sucking only.