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Tuesday, February 3, 2015

शक्ति का भंडार – गाजर

गाजर के गुणों पर दृष्टी डालें तो पता चलता है कि यह प्रकृतिप्रदत्त एक अनमोल उपहार हैं | गाजर मे शरीर को स्वस्थ रखनेवाले तत्त्व पाये जाते हैं | यह शारीरिक एवं बौद्धिक विकास में लाभकारी हैं | इससे नेत्रज्योति व स्मरणशक्ति में भी वृद्धि होती है | इसमें लौह व गंधक (सल्फर) होने से रक्त की वृद्धि व शुद्धि में मदद मिलती है | प्राकृतिक चिकित्साचार्यों ने इसे ‘गरीबों का सेब’ कहकर नवाजा है |

गाजर - रस के लाभकारी प्रयोग


आरोग्यशक्तिवर्धक : गाजर में ;विटामिन बी काम्प्लेक्स’ होता है जो पाचन-संस्थान को शक्तिशाली बनाता है व पेट के अनेक रोगों में लाभकारी हैं | यह भोजन पचाने में मदद करता है तथा मल साफ़ लाता है | लम्बी बीमारी के बाद उसकी क्षतिपूर्ति करने में गाजर का रस बहुत ही प्रभावकारी है | यह रोगी को चुस्त, तरोताजा और शक्तिशाली बनाता हैं |

मस्तिष्क – शक्तिवर्धक :
इससे मस्तिष्क को शक्ति मिलती है व थकान दूर होती है | यह अनिद्रा रोग में लाभकारी है |

माताओं के लिए :
माताओं को सगर्भावस्था में गाजर का रस पीते रहने से शरीर में लौह तथा कैल्सियम की कमी नहीं रहती | दुग्धपान करानेवाली माताओं को भी रोज सुबह गाजर का रस पीना चाहिए | इससे उनके दूध की गुणवत्ता बढती है |

दाँतो की मजबूती :
७० मि.ली. गाजर का रस प्रतिदिन पीने से मसूड़ों व दाँतो की जड़ मजबूत बनती है और दाँतो के रोग पैदा नहीं होते |

नेत्रज्योति की वृद्धि :
१२५-१२५ मि.ली. पालक और गाजर का रस मिलाकर सेवन करते रहने से दृष्टि की कमजोरी दूर हो जाती है |

लाल रक्तकण बढाने हेतु : २५० मि .ली. गाजर के रस में पालक का रस मिलाकर पीये |

बच्चों की दुर्बलता दूर करने हेतु : २ - ३ चम्मच गाजर-रस दुर्बल बच्चों को प्रतिदिन ३ बार पिलाने से बच्चे ह्रष्ट-पुष्ट हो जाते हैं |

दुग्धपान करते बच्चों के लिए :
बच्चों को गाजर का रस पिलाने से उनके दाँत सरलता से निकलते है और दूध भी ठीक से पचता है |

गाजर - रस के औषधीय प्रयोग


कैंसर : गाजर में पाया जानेवाला केरोटिन नामक औषधीय तत्त्व कैंसर-नियन्त्रण में उपयोगी है | ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) और पेट के कैंसर में यह अधिक लाभप्रद है |

चर्मरोग : गाजर का रस कीटाणुनाशक है और संक्रमण को दूर करता है | इससे रक्त शुद्ध होकर खुजली, फोड़े-फुंसियों व कील-मुँहासो में लाभ होता है | रोगी के पीले चेहरे का रंग गुलाबी हो जाता है |

कब्ज : २५० मि.ली. गाजर के रस में ५० मि.ली. पालक का रस और थोडा-सा नींबू का रस मिलाकर पियें | नमक न मिलायें |

मात्रा : एक बार में एक गिलास (२५० मि.ली. ) से अधिक रस न पिये |

सावधानी – १] गाजर खाने के बाद तुरंत पानी न पिये | २) गाजर के बीच का पीला भाग निकालकर ही गाजर का उपयोग करना चाहिए |

- लोककल्याण सेतु – जनवरी २०१५ से