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Sunday, October 9, 2016

इन तिथियों का लाभ लेना न भूलें

२३ अक्टूबर : रविपुष्यामृत योग ( सूर्योदय से रात्रि ८-४० तक )

२६ अक्टूबर : रमा एकादशी ( यह व्रत बड़े – बड़े पापों को हरनेवाला, चिन्तामणि तथा कामधेनु के समान सब मनोरथों को पूर्ण करनेवाला है | ), ब्रह्मलीन श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस

२८ अक्टूबर : धनतेरस ( इस दिन घर के द्वार पर दीपदान करने से अपमृत्यु का भय नहीं होता | )

२९ अक्टूबर : नरक चतुर्दशी ( शाम की संध्या और रात्रि में मंत्रजप करने से मंत्र सिद्ध होता है | )

३० अक्टूबर : दीपावली ( रात्रि में किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है | )

३१ अक्टूबर : नूतन वर्षारम्भ ( गुजरात ), बलि प्रतिपदा ( पूरा दिन शुभ मुहूर्त, सर्व कार्य सिद्ध करनेवाली तिथि )

६ नवम्बर : रविवारी सप्तमी ( दोपहर १२-१७ से ७ नवम्बर सूर्योदय तक )

९ नवम्बर : अक्षय – आँवला नवमी ( इस दिन किया हुआ जप-ध्यान आदि पुण्यकर्म अक्षय होता है | आँवले के वृक्ष के नीचे बैठकर जप, पूजन करें, इससे विशेष लाभ होता है |)

११ नवम्बर : त्रिस्पृशा देवउठी – प्रबोधिनी एकादशी ( इस दिन उपवास करने से १००० एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है | जप, होम, दान सब अक्षय होता है | यह उपवास हजार अश्वमेध तथा सौ राजसूय यज्ञों का फल देनेवाला, ऐश्वर्य, सम्पत्ति, उत्तम बुद्धि, राज्य तथा सुख प्रदाता है | मेरु पर्वत के समान बड़े-बड़े पापों को नाश करनेवाला, पुत्र-पौत्र प्रदान करनेवाला है | इस दिन गुरु का पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं व भगवान विष्णु की कपूर से आरती करने पर अकाल मृत्यु नहीं होती | )

१६ नवम्बर : विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२-२४ तक ) (विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप –ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | - पद्म पुराण )

२० नवम्बर : रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से रात्रि १-५८ तक )


स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१६ से 

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