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Wednesday, December 14, 2016

जीवन जीने की कला ( भाग -१ ) सचित्र

“जीवन उसीका है जो जीना जानता है....” – पूज्य बापूजी
इस सत्साहित्य में बतायी गयीं अधिकांश कुंजियाँ पूज्य बापूजी ने स्वयं अपने जीवन में आजमायी हैं | असंख्य भक्तों ने भी इनका प्रयोग करके अनगिनत लाभों का अनुभव किया है | 
इसमें आप पायेंगे :
१] कैसे बनायें नींद को परमात्मप्राप्ति की साधना ?
२] विघ्न – बाधाओं व दुर्घटनाओं से बचने का उपाय
३] कैसे बनायें पुरे दिन को मंगलमय ?
४] नया विलक्षण जीवन – बीमा कराने की युक्ति
५] शौच – विज्ञान
६] स्नान के द्वारा कैसे लें आध्यात्मिक व लौकिक लाभ
७] पूज्य बापूजी द्वारा बतायी गयी सुखमय जीवन की अनमोल युक्तियाँ
इनके साथ और भी कुछ .....

उपरोक्त सत्साहित्य आप अपने नजदीकी संत श्री आशारामजी आश्रम या समिति के सेवाकेंद्र से प्राप्त कर सकते है |


स्त्रोत – ऋषिप्रसाद , दिसम्बर २०१६ से 

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